इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की साइबर सुरक्षित भारत पहल की संकल्पना साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने और उसके बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा संबंधी पर्याप्त उपायों को सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी विभागों में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) और फ्रंटलाइन आईटी अधिकारियों के क्षमता निर्माण के मिशन के साथ की गई थी। संगठनों को अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे की रक्षा करने और साइबर हमलों से निपटने के लिए भविष्य के लिए तैयार होने की जरूरत है।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने अपनी क्षमता निर्माण योजना के तहत 24 से 28 जुलाई 2023 तक सेंट्रल एकेडमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग (सीएपीटी), भोपाल, मध्य प्रदेश में सीआईएसओ डीप-डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम के 38वें बैच का आयोजन किया। पाठ्यक्रम का उद्घाटन मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, केरल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के 23 प्रतिभागियों के साथ किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य जागरूकता फैलाना, क्षमता निर्माण के साथ-साथ सरकारी विभागों को सशक्त साइबर इकोसिस्टम बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर समर्थ बनाना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न सरकारी सेवाओं की एकीकृत डिलीवरी के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में साइबर सुरक्षा और संरक्षा पर प्रतिभागियों को संवेदनशील बनाना और उन्मुख करना, नागरिकों को सेवाएं, साइबर सुरक्षा के बारे में समग्र जानकारी और ज्ञान तथा समझ प्रदान करना, जागरूकता फैलाना, क्षमता निर्माण के साथ-साथ सरकारी विभागों को उनकी साइबर स्वच्छता, सुरक्षा और संरक्षा की देखभाल करने में सक्षम बनाना है।
2018 में लॉन्च किया गया, सीआईएसओ प्रशिक्षण सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत सरकार और उद्योग संघ के बीच अपनी तरह की पहली साझेदारी है। एनईजीडी ने जून 2018 से जुलाई 2023 तक, 1,464 से अधिक सीआईएसओ और फ्रंटलाइन आईटी अधिकारियों के लिए सीआईएसओ डीप डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रमों के 38 बैचों का प्रभावी ढंग से संचालन किया है।